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350वें प्रकाशोत्सव पर दिखी पीआरओ रंजन सिन्‍हा की कार्यकुशलता

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350वें प्रकाशोत्सव पर दिखी पीआरओ रंजन सिन्‍हा की कार्यकुशलता

पटना। सिख धर्म के दसवें तीर्थंकर श्री गुरू गोबिंद सिंह के 350वें प्रकाशोत्सव समारोह में बिहार सरकार के कला संस्‍कृति विभाग की दूरदर्शिता तथा प्रबंधन स्पष्ट रूप से पूरी दुनिया को देखने को मिली। कला संस्कृति एवं युवा विभाग द्वारा राजधानी पटना में आयोजित तमाम सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों को मीडिया के जरिए लोगों के बीच ले जाने में रंजन सिन्‍हा का अहम योगदान रहा। पीआरओ रंजन सिन्‍हा ने कार्यक्रम संबंधी जानकारी और कार्यक्रम प्रबंधन के प्रचार-प्रसार के लिय एकमात्र चेहरे थे, जो परदे के पीछे से लगातार काम करते रहे और पूरे देश-दुनिया से पटना के इस उत्सव को अखबार, टीवी और इंटरनेट से जोड कर रखा।

भोजपुरी फिल्मों से बतौर पीआरओ (जनसम्पर्क अधिकारी) अपनी करियर की शुरूआत करने वाले रंजन सिन्‍हा को जब प्रदेश के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग ने जनसम्पर्क तथा प्रचार प्रसार का काम जिस विश्वास से सौंपा वो पूरा होता तब दिखा, जब गुरू गोविंद सिंह का पटना में हो रहे प्रकाशोत्सव का ग्लोबल रेस्‍पांस उभर कर समाने आया। इंटरनेट वेबसाइट और सोशल मीडिया में 350वें प्रकोशात्‍सव को जिस कार्यकुशलता से प्रजेंट किया गया, उसमें रंजन सिन्‍हा और उनकी टीम की प्रतिबद्धता साफ दिखी। प्रकाशोत्सव से जुड़ी हर घटनाक्रम, फोटो और वीडियो को उनकी टीम ने शानदार तरीके से प्रस्‍तुत किया।

बता दें कि रंजन सिन्‍हा मूलत: वैशाली जिला के बिरना लखन सेन के रहने वाले हैं। आज बिहार में उनके बिना पीआर और मीडिया कवरेज बड़े स्‍तर पर संभव नहीं हो पाता है। कोई भी फिल्म स्टार अगर बिहार आता है तो अपनी लोकप्रियता को भुनाने के लिय सबसे पहले रंजन सिन्‍हा से ही सम्पर्क करता है। 500 से अधिक भोजपुरी फिल्मो का पीआर का काम का अनुभव इनके बृहद कैरियर को दर्शाता है। आज रंजन सिन्‍हा किसी परिचय का मोहताज नही है। आज रंजन सिन्‍हा युवा बिहार का एक उज्जवल चेहरा है।

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