मासूम मोहब्बत की खूबसूरत दास्तान हैं ‘मुजफ्फरनगर- द बर्निंग लव‘
ऐसा कई बार हो चुका है जब देश सांप्रदायिक आग में झुलस उठा। कारण तलाशने पर कोई ठोस नतीजा नहीं निकल पाता कि आखिर हिंसा क्यों भड़की और नफरत की इस आग ने लोगों के बीच दरार क्यों पैदा कर दी। जो लोग प्रभावित होते हैं, उन्हें पश्चाताप के सिवा कुछ नहीं मिलता और महसूस होता है कि उन्होंने बहुत कुछ खो दिया है। दोषी लोगों की पहचान करना मुश्किल हो जाता है क्योंकि वे भीड़ का ही हिस्सा होते हैं। ऐसा ही एक हादसा मुजफ्फरनगर में भी हुआ था, जब वह शहर हिंसा की आग में जल उठा था। न जाने कितने लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा। निर्माता मनोज कुमार मांडी उस हादसे को अब तक नहीं भूले हैं। इन हालातों से गुजरने के बाद उन्होंने तय कर लिया था कि फिल्म मुजफ्फरनगर- द बर्निंग लव के जरिए वह सही तस्वीर लोगों के सामने लाएंगे।
मनोज कहते हैं कि हादसे के जिम्मेदार दुश्मन बाहर के लोग नहीं हैं बल्कि वे हमारे बीच में ही मौजूद हैं, जो नफरत पैदा करने की कोशिशें करते रहते हैं। अचानक कोई घटना घटती है कि ये लोग उसे सापंरदायिक रंग देकर पूरे शहर का वातावरण बिगाड़ देते हैं और फिर हर इंसान एक-दूसरे को संदेह की नज़र से देखने लगता है लेकिन अगर हम गहराई में जाने की कोशिश करें, तो तस्वीर का एक दूसरा पहलू भी सामने आता है। उसी अराजक भीड़ में ऐसे लोग भी हैं, जो मदद के लिए आगे आते हैं और उन्हीं के प्रयासों से मामला शांत हो पाता है। मांडी कहते हैं कि नई सरकार आने के बाद अब कुछ बदलाव दिख रहा है। सरकार ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त नज़र आ रही है, पर अब गेंद आम जनता के पाले में है कि वे किसी के भड़कावे में न आएं। मांडी कहते हैं कि ‘मुजफ्फरनगर-द बर्निंग’ लव को करीब डेढ़ साल की मेहनत और डेढ़ सौ कलाकारों और तकनीशियनों की मदद से तैयार किया गया है।
यह फिल्म की हिंसक घटनायों के दौरान दो दिलो मैं पल रही मासूम मोहब्बत की एक खूबसूरत दास्तान है जो इंसानियत, मजहब और शैतानियत से जुड़े सुलगते सवालों के जवाब तलाशने की एक सच्ची कोशिश कर रही है। मजहब बड़ा या इंसान! यह सवाल हमेशा सवाल ही बना रहा है क्योंकि तर्क की कसौटी पर कसे गए जवाब धर्म के ठेकेदारों को पसंद नहीं आते। निर्देशक हरीश कुमार ने फिल्म के माध्यम से इन सुलगते सवालों के जवाब देश और समाज को दिए हैं जो दर्शकों को बहुत कुछ सोचने पर मजबूर कर दंेगे। मुजफ्फरनगर बर्निंग लव के निर्माता मनोज कुमार मांडी, मुजफ्फरनगर के ही निवासी हैं जिन्होंने खुद की तमाम दुखद घटनाओं को करीब से देखा है और महसूस किया है। यारियां जैसीे हिट फिल्म में दमदार किरदार निभाने वाले देव शर्मा, मुजफ्फरनगर द बर्निंग लव में एक बार फिर यादगार मुख्य भूमिका में नजर आएंगे। देव शर्मा के साथ कई दक्षिण भारतीय फिल्मों की नायिका ऐश्वर्या देवन भी हैं जिन्होंने हाल ही में मिस महाराष्ट्र का खिताब जीता है। बजरंगी भाई जान के बुआली यानी मुर्सलीन कुरैशी, एकांश भारद्वाज, के साथ अनील गोर्गे,रवि खन्ना, याकूब गौरी भी फिल्म में अहम भूमिका निभा रहे हैं।——Uday Bhagat (PRO)