आमतौर पर भोजपुरी फिल्मो को लेकर पत्रकारों और बुद्धिजीवियों में यह धारणा बनी हुई है कि भोजपुरी फिल्मे फ्रंट बेंचर दर्शको को ध्यान में रख कर बनाई जाती है । यही वजह है कि जब भी कोई कलाकार बिहार में प्रोमोशन के लिए जाता है तो पत्रकारों द्वारा पहला सवाल फिल्मो में अश्लीलता को लेकर होता है लेकिन अब यह धारणा गलत साबित हो रहा है और इसका श्रेय जाता है प्रियंका चोपड़ा की बतौर निर्मात्री दूसरी भोजपुरी फिल्म काशी अमरनाथ को । सामाजिक सरोकार और नशाखोरी के खिलाफ बनी इस फ़िल्म में गुटखा से होने वाले कैंसर से संबंधित कहानी को लेखक निर्देशक संतोष मिश्रा ने खूबसूरती से पर्दे पर उतारा है । यही नही फ़िल्म की शुरुआत ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान से की गई है ।
काशी अमरनाथ दीपावली के अवसर पर सम्पूर्ण भारत मे एक साथ रिलीज की गई थी । रिलीज के दो दिन पहले बिहार की राजधानी पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों ने भोजपुरी फिल्मो में अश्लीलता से संबंधित सवाल ही ज्यादा किया । छठ के बाद जुबली स्टार निरहुआ , आम्रपाली दुबे , सपना गिल , तुषार रमनन , निर्देशक संतोष मिश्रा और प्रचारक उदय भगत प्रोमोशन के लिए बिहार गए तो पत्रकारों और बुद्धिजीवियों के सवाल में काफी अंतर दिखा । उनकी धारणा बदल चुकी थी और सबने नशाखोरी के खिलाफ बनी इस फ़िल्म पर चर्चा की । यही नही कइयो ने तो कई सामाजिक मुद्दों पर भी फ़िल्म बनाने की सलाह दी । उल्लेखनीय है कि पर्पल पेबल पिक्चर्स और रोज क्वार्ट्ज़ एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी काशी अमरनाथ के निर्माता हैं प्रियंका चोपड़ा , सिद्धार्थ चोपड़ा और डॉक्टर नेहा शांडिल्य जबकि लेखक निर्देशक हैं संतोष मिश्रा ।—–Uday Bhagat (PRO)