ताज महल जिसे विश्व का सबसे बड़ा अजूबा कहा जाता है, अक्सर लंबे समय से विदेशीयों और पर्यटको का आकर्षण केंद्र रहा है पर ये बात बहुत कम लोग जानते है, की ताज महल कोई मुग़ल बेगम का मकबरा नहीं वल्कि एक हिन्दू शिव मंदिर था. ये बात कह रहे है अक्सर विवादों में रहने वालेलेखक और निर्देशक -दीपक सारस्वत !
ताज महल पर कई केस कई अदालतों में चल रहे है. यहाँ तक कि सुप्रीम कोर्ट में भी यह विवाद बर्षो से लटका हुआ है. हिन्दू धर्म धुरंधर इसे हिन्दू शिव मंदिर बताने कादावा कर रहे है, वही इतिहास ‘ताज महल’ से जुडी मुग़ल बेगम और बादशाह की अनोखी प्रेम कहानी को बयान करता है! इन सब बातो की सच्चाई को उजागर करने जारहे है निर्देशक दीपक सारस्वत अपनी फिल्म- तेजो – महालय में !
तेजो महालय, फिल्म जल्दी ही दर्शको के सामने आ जाएगी. यह एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म होगी, जिसे सालो से रिसर्च करने के बाद दीपक सारस्वत ने लिखा और एक फिल्मका स्वरुप दिया. अभी किसी अभिनय चरित्र का चयन नहीं हुआ है, चूंकि, यह एक ज्वलनशील मुद्दा है, इसलिए निर्देशक ऐसे चुपचाप शूट करना चाहते है ! एक स्थानीय अख़बार से बातचीत करते हुए निर्देशक बताते है की उनका इशारा किसी जातीय या धार्मिक भावना को ठेस पहुँचना नहीं है. वल्कि उस सच को सामनेलाना है, जिसे आम जनता से दूर रखा गया है. कई सारे सबूतों को परदे पर दिखाकर दीपक सारस्वत इतिहास के असली चेहरे को दिखाना चाहते है. उम्मीद की जा रहीहै की शांति पूर्ण इस कहानी को निर्देशक जनता के सामने ला पाए ताकि फिर से कोई बाबरी मस्जिद जैसा विवाद न खड़ा हो जाए. !इस फिल्म की दिसंबर तक आम लोगो के बीच आने की संभावनाएं है !