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धूमधाम से मना बेबी विशा सिंह का जन्मदिन 

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धूमधाम से मना बेबी विशा सिंह का जन्मदिन 

दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सांसद मनोज तिवारी के मैनेजर व अभिनेता विकास सिंह बिरप्पन की सुपुत्री बेबी बिशा सिंह का द्वीतीय जन्मदिन भोजपुरी के कई नामी सितारों की मौजूदगी में मनाया गया । इस मौके पर बेबी विशा सिंह को आशीर्वाद देने के लिए समाजसेवक उद्द्योगपति आनंद बिहारी यादव , इन्डियन आयडल के होस्ट प्रसिद्द पारितोष त्रिपाठी , सुपर स्टार खेसारी लाल यादव , राकेश मिश्रा , संगीता तिवारी , प्रकाश जैस , विजय मिश्रा , इंदु सोनाली , श्यामली श्रीवास्तव , प्रियंका सिंह , प्रिया सिंह , सतेंद्र सिंह , रमेश यादव ,  बिनोद मिश्रा , प्रमोद पांडे , रंजीत सिंह , सोनू पांडे  , संतोष सिंह साहित अनेक जाने माने लोग मौजूद थे ।

क्रिश पाठक की ऊंची उड़ान – अनिल बेदाग –

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क्रिश पाठक की ऊंची उड़ान – अनिल बेदाग –

ऊंची उड़ान हर कोई भरना चाहता है लेकिन जोशीले लोग ही ऐसी ख्वाहिश पूरी कर पाते हैं। अभिनेता क्रिश पाठक का भी सपना था कि वो अपनी एयरहोस्टेस मॉम की तरह ऊंची उड़ान भरे, पर कुदरत के रंग देखिए कि 23 साल का यह जोशीला युवक आज छोटे परदे पर ऊंची उड़ान भरने में कामयाब हो गया है कि क्योंकि आज वो स्टार प्लस पर प्रसारित हो रहे निर्देशक निखिल आडवाणी के धारावाहिक पीओडब्ल्यू का अहम पात्र है। क्रिश 23 साल का है, पर धारावाहिक में उनके कैरेक्टर का नाम अयान खान है जिनके पिता ईमान खान को पाकिस्तान में बंदी बना लिया गया था। पिता एयरफोर्स में थे, पर हालात ऐसे बने कि वह पाकिस्तानी सेना के चंगुल में फंस गए। धारावाहिक में ऐसी सिचुएशन पैदा की गई है कि पिता पाकिस्तान से दिल्ली एयरपोर्ट पर आते हैं और अयान खान पर दबाव बनाया जाता है कि वो अपने पिता की जासूसी करे। इस तरह धारावाहिक में कई उतार-चढ़ाव आते हैं और अयान का कैरेक्टर प्ले कर रहे क्रिश पाठक अपने स्वाभाविक अभिनय से दर्शकों का दिल जीतने में सफल हो जाते हैं। क्रिश की मदर भारती पाठक कहती हैं कि उन्हें अपने बेटे में शुरू से ही एक अभिनेता नज़र आता था और शायद अभिनय उसकी रगों में था इसलिए इसलिए जब भी वो मेरे सामने आता, एक्टिंग करने लगता। मैंने तय कर लिया था कि बेटे को एक्टिंग लाइन में भेजना है। भारती को खुद भी अभिनय का शौक था, पर एयरहोस्टेस की नौकरी के चलते अभिनेत्री के तौर पर कुछ कर दिखाने के ख्वाब पूरे नहीं हो पाए, पर अब बेटा अभिनेता के रूप में खुद को साबित कर चुका है जिससे उनकी मॉम को गर्व है।

 

क्रिश कहते हैं कि उनका पहला शॉट अभिनेत्री संध्या मृदुल के साथ था जिसके कारण वह कुछ डरे-डरे से थे, पर संध्या जी ने मनोबल बढ़ाते हुए समझाया कि इस समय सिर्फ यही सोचो कि तुम मेरे बेटे और मैं तुम्हारी मां हूं। तुम कुछ पल के लिए मु्रझे अपनी रीयल मॉम समझो। उनके इतना कहते ही मुझे जोश आ गया। निखिल सर ने ओके कहते ही शॉट कंपलीट कर लिया और मैंने राहत की सांस ली। बता दें कि क्रिश अभिनय करने से पहले बतौर डायरेक्टर कई लघु फिल्में बना चुके हैं। वह कहते हैं कि एक्टिंग में कुछ कर दिखाने के बाद डायरेक्शन को भी वक्त दूंगा। वह कहते हैं कि टीनेज कैटेगिरी में रहते हुए उन्हें अपना अलग लीग क्रिएट करना है। क्रिश की उपलब्धि यही है कि 23 साल की उम्र में उन्होंने 17 साल के कैरेक्टर के लिए पहला ऑडिशन दिया और सलेक्ट हो गए। निखिल आडवाणी जैसे बड़े डायरेक्टर के साथ काम करना बहुत बड़ी बात है और क्रिश ने इस मामले में सफलता की लकीर खींच दी है क्योंकि निखिल ने क्रिश का पहला शॉट लेते ही कह दिया था कि लड़के में दम है।

मर्दाना कमज़ोरी की दवा तलाशते भंवरे -अनिल बेदाग-

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मर्दाना कमज़ोरी की दवा तलाशते भंवरे -अनिल बेदाग-

सेक्स का शरीर से खूबसूरत रिश्ता है। सेक्स ही वंश को आगे बढ़ाता है और इसी सेक्स के जरिए इंसान अपनी मर्दानगी को भी दर्शाता है लेकिन यही सेक्स कुछ लोगों की ज़िंदगी में अभिशाप बनकर सामने आता है और फिर तलाश शुरू होती है किसी रामबाण औषधि या जड़ी-बूटी की, जो सेक्स के मामले में इंसान को ताकतवर बना दे। इस समाज में नामर्दगी से जूझ रहे ऐसे कई लोग या भंवरे हैं जो किसी ऐसी दवा की तलाश में हैं जिसे खाकर वे मर्द बन जाएं और अपने रोमानी या वैवाहिक रिश्ते को खूबसूरत आकार दें। शाही दवाखानों के नाम से चल रही ऐसी कई दुकानें हैं, जो सेक्स से संबंधित समस्याओं को दूर करने का दावा करती हैं और लोगों का एक खास वर्ग ऐसे नीम-हकीमों के पास जाकर अपनी खोई हुई ताकत हासिल करना चाहता है। इसी विषय पर बनी है सुधा क्रिएशन्स की डार्क कॉमेडी फिल्म भंवरे, जो तीन दोस्तों की कहानी है।

 

लेखक, अभिनेता, निर्माता और निर्देशक शौर्य सिंह की यह फिल्म दर्शकों को यही मैसेज देना चाहती है कि अपनी शारीरिक समस्या से छुटकारा पाने के लिए गलत तरीका न अपनाएं। ऐसे दुकानों पर जाने से बचें जो चिकित्सा की दृष्टि से अप्रूव्ड नहीं हैं और इंसान की सेहत से खिलवाड़ करती हैं। शौर्य सिंह कहते हैं कि यह देश की पहली ऐसी फिल्म है, जो मर्दाना कमज़ोरी को दूर करने का दावा करने वाले नीम-हकीमों पर निशाना साधती है। फिल्म में शौर्य सिंह के अपोजिट प्रियंका शुक्ला हैं। मनोज बख्शी खलनायकी के तेवर दिखाते नज़र आएंगे। फिल्म में करण ठाकुर और जशन सिंह भी अहम किरदार में हैं। संगीत सौरभ चटर्जी और गौरव रत्नाकर का है।

अंतरिक्ष की पहली प्रेमकहानी है-लीरा द सोलमेट नाक को छूती है हीरो-हीरोइन की जीभ – अनिल बेदाग –

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अंतरिक्ष की पहली प्रेमकहानी है-लीरा द सोलमेट नाक को छूती है हीरो-हीरोइन की जीभ – अनिल बेदाग –

इंसान में कुछ अनोखा हो, तो वह दुनिया की नज़र में आ जाता है और ऐसे लोगों की बॉलीवुड में भी देर-सवेर एंट्री हो जाती है। यहां हम बात कर रहे हैं अभिनेत्री लीरा कालजेयी की, जो अभिनय के साथ-साथ अपनी लंबी जीभ से भी हैरत में डाल देती हैं। अपनी फिल्म लीरा द सोलमेट को लेकर लीरा कालजयी का कहना है कि जोश और लगन के सहारे आप अपनी सभी ख्वाहिशें पूरी कर सकते हैं। अभिनय की ख्वाहिश मुझे बचपन से थी। पिता सुमनैश और और मां उषा कालजेयी ने सहयोग दिया और आज उन्हीं की बदौलत एक ऐसी फिल्म तैयार हुई, जिसकी मैं लीड एक्ट्रेस हूं। फिल्म के सभी एक्शन और फाइट सीन मैंने खुद किए हैं। लीरा कहती हैं कि यह देश की पहली ऐसी फिल्म है जिसमें हीरो हीरोइन की प्रेमकहानी अंतरिक्ष में चलती है। यह फिल्म 99 प्रतिशत वीएफएक्स पर बनी है।

 

 

कालजयी फिल्म्स द्वारा प्रस्तुत लीरा द सोलमेट एक ऐसी लड़की की कहानी है जो एस्ट्रोनोट है। वह अचानक स्पेस में जाती है और ऐसे प्लेनेट पर पहुंचती है जिसका नाम भी लीरा है और कहानी शुरू होती है। स्पेस का एक लड़का यह साबित करने की कोशिश करता है कि वही उसका सोलमेट है या उसके लिए बना है। लड़का और लड़की इनोसेंट हैं, जो प्यार को नहीं समझ पाते हैं। फिल्म में हीरो-हीरोइन की नोकझोंक चलती रहती है। बता दें कि लीरा के पिता सुमनैश ही फिल्म के निर्माता-निर्देशक और मां उषा ने फिल्म की स्क्रिप्ट और गीत लिखे हैं। सुमनैश कहते हैं कि हमने हीरो के लिए 9000 से भी ज्यादा लड़कों के ऑडीशन लिए। तब जाकर मेहुल अडवाणी के रूप में हीरो का चयन हो पाया। कमाल की बात तो यह है कि फिल्म के हीरो की जीभ भी नाक को छूती है जिसमें किसी तरह के वीएफएक्स का सहारा नहीं लिया गया। हीरो-हीराइन की यही विशेषता फिल्म को खास बनाती है। दुनिया के जाने-माने एस्ट्रोलोजर सुमनैश कहते हैं कि इस फिल्म में दर्शकों को हॉलीवुड की उच्च तकनीक और बॉलीवुड का रोमांस एक साथ देखने को मिलेगा।

इंसानियत का संदेश देगी फिल्म मुजफ्फरनगर-2013—अनिल बेदाग—

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इंसानियत का संदेश देगी फिल्म मुजफ्फरनगर-2013—अनिल बेदाग—

जब किसी राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ता है, तो मानवीय भावनाएं आहत होती हैं। निर्दोष लोग ऐसे विनाशक माहौल की चपेट में आते हैं और एक समुदाय विशेष को कटघरे में खड़ा कर दिया जाता है। अफवाहों के जरिए माहौल को हिंसक बनाने की कोशिशें की जाने लगती हैं ताकि देश में अस्थिरता फैले। ऐसे घटनाएं देश में कई जगह पर हुई हैं, जहां निर्दोष या बेकसूर लोगों को धर्म के नाम पर निशाना बनाया गया और उन्हें प्रताड़ित किया गया। मुजफ्फरनगर का दंगा भी उनमें से एक है, जिसको आधार बनाकर लेखक, गीतकार और निर्माता मनोज कुमार मांडी ने दर्शकों के लिए एक संदेशपरक फिल्म तैयार की है जिसका नाम है मुजफ्फरनगर-2013। यह फिल्म लोगों को मैसेज देती है कि नफरत की आग में घर जलाने की बजाय दूसरों को प्यार बांटकर उनका दिल जीतने की सोचो। निर्माता मनोज कुमार मुजफ्फरनगर के ही हैं इसलिए उन्होंने इस शहर में फैले हिंसक हादसे को करीब से देखा और महसूस किया।

निर्माता मनोज कुमार को सर्वश्रेष्ठ किसान का पुरस्कार मिल चुका है। चूंकि उनका एमबीटी टैक्नोलॉजी का बिजनेस है और अपने यहां पाले जा रहे 150 सांडों यानी बुल्स के जरिए गौधन के विकास को बढ़ावा दे रहे हैं। उनके दो सांडों को अवार्ड भी मिल चुका है। इसी सिलसिले में मनोज देशभर का दौरा करते रहे हैं और इस दौरान उन्होंने हिंदू-मुस्लिमों के बीच वैमनस्य या तनाव से जुड़े किस्सों-चर्चाओं को सुना और तय किया कि उन्हें ऐसी फिल्म का निर्माण करना है, जो लोगों में प्रेम का संदेष दे। निर्माता कहते हैं कि दंगों में ऐसे लोगों को भी निशाना बनाया गया, जो किसी को मारने की बजाय उनकी रक्षा कर रहे थे, पर वे लोग भी आरोपों के घेरे में आ गए। मोरना एंटरटेन्मेंट के बैनर तले बनी फिल्म मुजफ्फरनगर-2013 कंपलीट है और निर्माता को उम्मीद है कि उनकी यह फिल्म सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देगी। फिल्म में देव शर्मा, ऐष्वर्या देवेन, अनिल जॉर्ज और मुस्लिन कुरैशी की अहम भूमिका है। फिल्म का निर्देशन किया है हरीष कुमार ने। निर्माता कहते हैं समाज में इंसानियत से बड़ा कोई धर्म नहीं होता और हमारी फिल्म का भी यही संदेश है।

Trailer Launch Video

भूरी: शोषण के खिलाफ एक औरत की बुलंद आवाज़ —अनिल बेदाग—

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भूरी: शोषण के खिलाफ एक औरत की बुलंद आवाज़ —अनिल बेदाग—

भूरी और धनुआ, एक ऐसी विवाहित जोड़ी, जिनकी उम्र में अंतर होने के बावजूद वे अपना जीवन मजबूरी और म़ज़दूरी के सहारे आगे बढ़ा रहे हैं। धनुआ भले ही ईंट-भट्टे पर काम करने वाला बेबस मजदूर है, पर उसे यह बर्दाश्त नहीं कि उसकी गरीबी का मज़ाक उड़ाते हुए गांव को कोई बाहुबली, साहुकार, बनिया, पंडित या डॉक्टर उसकी पत्नी पर बुरी नज़र रखे, पर सच्चाई या कड़वा सच तो यही है कि भूरी ऐसे शोषक लोगों के टारगेट पर है, जो मज़दूरों का किसी न किसी बहाने शोषण करते है। उनपर अत्याचार करते हैं। देश में ऐसे कई गांव हैं जहां इस तरह की परिस्थितियों से ही मज़दूरों का वास्ता पड़ता है, लेकिन रोज़ी-रोटी के लिए वे खामोश रहते हैं और उनकी इसी खामोशी का फायदा गांव के ताकतवर लोग उठाते हैं। धनुआ और भूरी के रूप में रघुवीर यादव और माशा पॉर भी उसी गांव का हिस्सा हैं, जहां पांच लोगों का दबदबा है। शक्ति कपूर, मुकेष तिवारी, मनोज जोषी, मोहन जोषी और सीताराम पांचाल ने गांव के मज़दूरों की नाक में दम कर रखा है और फिल्म भूरी के जरिए बेबस मज़दूरों पर उनके अत्याचारों की काली करतूतें सामने आती हैं जो यह दर्षाती हैं कि गांव का अनपढ़ और निर्धन वर्ग किस तरह ताकतवर लोगों का शोषण सह रहा है। भूरी के प्रीव्यू शो में आए रघुवीर यादव कहते हैं कि फिल्म भूरी का हिस्सा बनकर उन्हें सुकून मिला। वह जिस तरह के किरदारों को जीना चाहते हैं, धनुआ भी वैसा ही है जिसकी मजबूरी को उन्होंने महसूस किया और उसकी लाचारगी या मजबूरी को अपने किरदार में आत्मसात किया।

एस वीडियो पिक्चर और एंजल एंटरटेन्मेंट की फिल्म भूरी के निर्माता चंद्रपाल सिंह यह भी कहना चाहते हैं कि ईंट-भट्टों पर काम करने वाली मज़दूर औरत और प्रकृति से खिलवाड़ करोगे, तो अंत विनाषक ही होगा। ईंटे बनाने के लिए मिट्टी की उपरी सतह को खुरचा जाता है। उसी मिट्टी को ईंट रूपी पत्थर का रूप दिया जाता है। आज उन्हीं ईंटों से कंक्रीट के जंगल बनाए जा रहे हैं जो प्रकृति के साथ खिलवाड़ ही है। अगर ऐसा ही होता रहा तो आक्सीजन कहां से मिलेगी। औरत भी मिट्टी की तरह पिसती रहती है। सबकुछ सहती रहती है। मिट्टी का ही प्रतीकात्मक रूप है भूरी जिसपर मनहूसियत का धब्बा लगा है। वह 24 साल की है जिसकी शादी नहीं हुई। वह बंजारे की बेटी है जिसकी शादी से पहले ही होने वाले चार पति भाग गए। पांचवा पति उसकी ज़िंदगी में किस तरह आता है और वो कौन है! क्या भूरी शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाती है। यह फिल्म ऐसे पीड़ित वर्ग का ही एक आईना है। फिल्म के निर्देशक जसबीर भट्टी ने इस फिल्म के जरिए निर्देशन पर अपनी पकड़ साबित की है। फिल्म का बैकग्राउंड म्यूज़िक प्रभावकारी है, जो गांव के माहौल के अनुसार तैयार किया गया है। फिल्म के संगीत से भी दर्शक खुद को आसानी से जोड़ लेते हैं क्योंकि गांव के ठेठ देसीपन को संगीत का ही देसी माधुर्य ऐसा जोड़ता है जो फिल्म की धार को प्रभावित नहीं होने देता। कुल मिलाकर फिल्म शोषण के खिलाफ आवाज़ उठाती नज़र आती है। फिल्म में आदित्य पंचौली को पुलिस अधिकारी के रूप में दिखाया गया है, जो दबंग अंदाज़ में सामने आते हैं। अभिनेत्री कुनिका भी अपने सशक्त अभिनय से प्रभावित करती है। रघुवीर यादव ने इस फिल्म के जरिए दोबारा यह साबित किया है कि खास तरह के सिनेमा में उन जैसे खास लोग ही अपना दमखम दिखा पाते हैं। अभिनेत्री माशा पॉर ने अपने अप्रतिम सौंदर्य और असरदार अभिनय में सही संतुलन बिठाया है। मनोज जोशी, मोहन जोशी, मुकेश तिवारी और शक्ति कपूर ने भी अपने किरदारों के साथ पूरा न्याय किया।

BHAAGYA  NA JAANE KOI –   For Censors Releasing On 24th March All Over

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BHAAGYA  NA JAANE KOI –   For Censors Releasing On 24th March All Over

The first digital print of Status Air Vision’s Bhaagya Na Jaane Koi

( in Hindi and Avadhi languages) is out and has been applied for censors. The film is being readied for 24th March 2017 release all over.  The film is  produced by Sushila Bhatia and directed and edited  by Dilip Gulati who shot the entire film in Lucknow locales for non-stop 30 days stint.   Co-producer: Himmat Bhatia. EP: Satyen Bhatia. Based on the true story written by wellknown legendary author Munshi Premchand from  KAFAN and NIRMALA  the film stars  Rajpal Yadav, Sadhu Meher, Netra Raghuraman, Anita Sehgal and Roopa Mishra . Screenplay-dialogue: Paras Jaiswal. DoP:  Hemant. Lyrics: Sushila Bhatia. Music: Iqbal Darbar and Uday Mazumdar. Costume designer: Neepa Bhatia. Background Music: Vanraj Bhatia.

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DILIP GULATI’s DUBAI TO DHARAVI TRIPAS Don Abdullah In MAFIA BIGG BOSS

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DILIP GULATI’s DUBAI TO DHARAVI TRIPAS Don Abdullah In MAFIA BIGG BOSS

Writer-producer-director and editor Dilip Gulati was hugely applauded when he entered Dubai as Don Abdullah and he continued his tour this time in his own homeland in India in the overcowded  Dharavi area, the biggest ever slum area of  the world, located at Mahim-Sion area on 9th February.

The film is also made in Tamil and Telugu besides Hindi and Dilip Gulati chose the Dharavi area, largely dominated by the Tamilians who are largely Rajnikanth fans. Dilip Gulati made a grand entry to the song of Bappi Lahiri rendered number “Bhai, Mumbai Ka Bhai” and the Tamilians stood up and cheered, whistled and clapped after watching the song and the promos of the film in tamil language. An overwhelmed Dilip Gulati told  PRO and film trade journalist Mohan Ayyer:” I am thrilled to watch such a fantastic reaction for the film. Also Tamilians have a great regard for boldly made films and I have made a film on the Dons of Mumbai from 1960 till the nineties who had ruled and I play the role of Don Abdullah.” The Tamil and Telugu audiences are more than any  other regional language  audiences of India and I wish to entertain them in a big way thru MAFIA BIGG BOSS in  South taste as the audiences there are genuine film lovers and they even repeat the films  as the South audiences understand the pains of a filmmaker who genuinely makes a film with a purpose. I have shown the life of Dons in their true colours and also how they speak, how they walk and also how they enjoy their lives.”

Special Preview Of MAFIA BIGG BOSS

Writer-producer-director Dilip Gulati held a special preview of the film MAFIA BIGG BOSS on 10th February at T.P. Agarwal’s Star Preview Theatre. Kishore Gulati, elder brother of Dilip Gulati and their Mother, Komal Gulati, wife of Dilip Gulati, wellknown distributers Dilip Dhanwani, S.P. Laad of CP.CI. Rajasthan, film trader Sanjay Joshi, the actors of the film Sagar Pandey, Raj Sagar and many film trade persons attended the preview show. The film has been passed by the censors with A certificate and will be released in March-April all over. Bappi Lahiri and his daughter Reema Lahiri have rendered two songs in the film which has music by Bappi Lahiri himself.

Kumaar Aadarsh’s Bilingual In Hindi-Bengali  JUNOON-ONCE UPON A TIME IN CALCUTTA  Releasing  On 17th March 2017

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Kumaar Aadarsh’s Bilingual In Hindi-Bengali  JUNOON-ONCE UPON A TIME IN CALCUTTA  Releasing  On 17th March 2017

UV Talkies’ Junoon-Once Upon A Time In Calcutta will be releasing all over on 17th March. The film which has been written,produced and directed by Kumaar Aadarsh was shot recently  in a non-stop 25 -days shooting stint all over Kolkatta , Darjeeling, Midnapore and Mumbai locales and depicts the story of the rise and fall of communism in Bengal during the period of 1988 till 2011.

Cast: New find Hansi Parmar as protagonist Nandini Ghosh with Ritesh Raghuvanshi, Naina Mondal, Vinod Modgull and Kumaar Aadarsh as the main antagonist in the fiery role of Comrade Majumdar. Music: Various. Lyrics: Sanjeev Chaturvedi, Gufy, D.J. Bharali ( from Assam). DoP: Shaan Ahmed. Dances: Kalyanji Jaana.Editor: Shubradas. The Movie is inspired from true incidents.

First Time in India Movie on Cross Gender Community- HIJRAS- Na Raja Na Rani

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First Time in India Movie on Cross Gender Community- HIJRAS- Na Raja Na Rani

First Time in India Movie on Cross Gender Community- HIJRAS- Na Raja Na Rani
Gay ,Cross Gender, Eunuch ,Kinner and Hijra  , a name that reflects a community of special deprived status.

In our so called Human Male dominated society 3rd Gender is used to lacing behind all privileges and status they deserve.  In this scenario,  a young and energetic producer Mr H M Imran dared to come ahead and do something for this deprived community.a movie  has been made on this Unique and Important subject namely ”Na  Raja  Na  Rani ” the Writer, Director and Producer of the film Mr Imran told Mohan Ayyer  that 150 original Hijras from all over India have been engaged in making of this movie, over 90 among them hail from Mumbai. He further said the movie has been made under Roof Cine Services banner which is dealing with how a common boy developed kinner and eunuch elements and what difficulties he has to face for smooth existence in the male dominated society.

He said the movie deals with the Gay, Cross Gender and Hijra Community’s Original Problems right from emergence of the Gay element to its efforts of  Existence in the Society.
a special 3 G Tarana ” bhagwan tu ne hijra banaya hai kiyon hamei;N”  is a song of the movie penned by Dr.Salman Abid , this has been written in way of Third Gender Anthem and picturised very brilliantly.
Music by Bombay Bhole and the movie is being released by ScreenShot Media and Entertainment Group. well known Producer / Distributor of this Movie Israar Ahmed said: “This movie is  a Genius Work on celluloid and its an eye opener movie for our Policy Makers and Society.

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